What is Algae , शैवाल ( Algae ) साधारण पौधे जैसे जीव होते हैं जो आमतौर पर प्रकृति में जलीय होते हैं। इनमें एक कोशिका भित्ति और क्लोरोफिल होते हैं और प्रकाश संश्लेषण द्वारा अपना भोजन बना सकते हैं। शैवाल ( Algae ) एककोशिकीय या बहुकोशिकीय हो सकते हैं।
( Life - cycle of Algae ) शैवाल का जीवन-चक्र
शैवाल की वृद्धि और विकास कई अलग-अलग रूपात्मक और साइटोलॉजिकल ( cytological stages ) चरणों से होकर गुजरता है। इस क्रमबद्ध परिवर्तनों के क्रम को शैवाल का जीवन चक्र ( life cycle of algae ) कहते हैं।
( Types of Life - cycle found in Algae ) शैवाल में पाए जाने वाले जीवन-चक्र के प्रकार
शैवाल में विभिन्न प्रकार के जीवन-चक्र को मोटे तौर पर निम्नलिखित पांच श्रेणियों में वर्गीकृत किया जा सकता है:
[ 1 ] अगुणित जीवन - चक्र ( Haploidentical life cycle )
क्लैमिडोमोनास ( Chlamydomonas ) , यूलोथ्रिक्स (Eulothrix ) , स्पाइरोगायरा ( Spirogyra ) , कारा (Cara ) , आदि अनेक हरित शैवालों में कायिक थैलस अगुणित haploid तथा युग्कोद्भिदी ( zygote) होते हैं । ये थैलस युग्मकों का निर्माण करते हैं जिनके संयोजन से द्विगुणित युग्मनज ( diploid zygote ) बनता है, परन्तु द्विगुणित युग्मनज़ में निषेचन के तुरन्त बाद अथवा विश्रामावस्था के पश्चात् अर्धसूत्री विभाजन होता है । इसके फलस्वरूप चार अगुणित बीजाणु बन्द हैं । ये बीजाणु अंकुरित होकर युग्मकोद्भिदी ( अगुणित ) पौधे बनाते हैं । समजालिक जातियों में ( जैसे ईडोगोनियम ) युग्मनज़ के अर्धसूत्रण से बने चारों बीजाणु अंकुरित होकर समजान्विक युग्कोद्भिदी पौधों का निर्माण करते हैं जबकि विषमजालिक जातियों ( जैसे यूलोथ्रिक्स , क्लैमिडोमोनास ) में चार अणुणित बीजाणुओं में से दो बीजाणु अगुणित नर युग्मकोद्भिद तथा संघ दो बीजाणु अगुणित स्त्री युग्मकोद्भिद बनाते हैं ।
[ 2 ] द्विगुणित जीवन - चक्र ( Diploid life cycle Algae )
इस प्रकार का जीवन चक्र हरित शैवालों के साइफोनेलीज़ गण के कुछ सदस्यों भूरे शैवालों के फ्यूकेलीज़ गण तथा डायटमी ( बैसीलेरियोफाइसी ) में पाया जाता है । इस जीवन - चक्र की प्रमुख विशेषता दीर्घकालीन द्विगुणित प्रवस्था है । अगुणित जीवन - चक्र के विपरीत इसमें अगुणित प्रवस्था अल्पकालीन होती है । सारंगैसम तथा फ्यूकस द्विगुणित जीवन - चक्र के प्रमुख उदाहरण हैं । इनमें बैलस द्विगुणित बीजाणुभिदी होता है । इनमें उत्पन्न होने वाले नर व स्त्री जननांग भी द्विगुणित होते हैं जिनमें अर्धसूत्री विभाजन के पश्चात् अगुणित नर तथा स्त्री युग्मक बनते हैं । निषेचन की प्रक्रिया द्वारा नर स्त्री युग्मक संयोजित होकर द्विगुणित युग्मनज का निर्माण करते हैं । इस प्रकार द्विगुणित प्रवस्था पुनः स्थापित हो जाती है । युग्मनज के द्विगुणित केन्द्रक में अनेक समसूत्री विभाजन होते हैं तथा अन्ततः द्विगुणित बीजामुद्भिद का निर्माण होता है ।
[ 3 ] द्विगुणितागुणित जीवन - चक्र
द्विगुणित थैलसों की बाह्य आकृति के आधार पर जीवन - चक्र निम्नलिखित दो प्रकार का हो सकता है ।
[ I ] समाकृतिक द्विगुणितागुणित जीवन - चक्र ( Homomorphic diploid life cycle )
इस प्रकार के जीवन - चक्र में आकारिकीय लक्षणों में समान अगुणित व द्विगुणित प्रवस्थाओं का एकान्तरण होता है । इसीलिए इसे समाकृतिक द्विगुणितागुणित जीवन - चक्र कहते हैं । इसके प्रमुख उदाहरण एक्टोकापस उलेडोफोरा व अल्वा है । इन शैवालों में जननांगों का निर्माण अगुणित युग्मकोद्भिद में होता है। जननांगों में विकसित अगुणित नर व स्त्री संयोजित होकर द्विगुणित युग्मनज़ बनाते हैं। युग्मनज के केन्द्रक में अर्धसूत्री विभाजन नहीं होता हैं, यह सीधे अंकुरित होकर द्विगुणित बीजाणुद्भिदी थैलस बनाता है। इस थैलस में बीजाणुधानियाँ विकसित होती हैं जिनमें अर्धसूत्रण के पश्चात् बीजाणुओं का विकास होता है। बीजाणु अंकुरित होकर पुनः अगुणित युग्मकोद्भिद बनाते हैं ।
[ II ] विषमाकृतिक द्विगुणितागुणित जीवन - चक्र ( Heterozygous diploid life cycle )
इस प्रकार के जीवन - चक्र में एकान्तरित होने वाली अगुणित युग्मकोद्भिद तथा द्विगुणित बीजाणुद्भिद प्रवस्थाएँ आकृति में भिन्न होती हैं । यह भूरे शैवालों के लेमीनेरिएलीज़ तथा एक्टोकार्पेजीज़ गणों के कुछ वंशों में पाया जाता है । इस प्रकार का जीवन - चक्र प्रदर्शित करने वाले अधिकांश शैवालों में द्विगुणित बीजाणुद्भिद का आमाप अगुणित युग्मकोद्भिद की तुलना में बड़ा होता है । उदाहरणार्थ लैमीनेरिया के बीजाणुद्भिद थैलस कई मीटर लम्बे होते हैं जबकि युग्मकोद्भिद थैलस सूक्ष्मदर्शीय होते हैं । बीजाणुद्भिद थैलस में बीजाणुधानियाँ विकसित होती हैं जिनमें अर्धसूत्रण के पश्चात् बीजाणु उत्पन्न होते हैं । अगुणित बीजाणु अंकुरित होकर सूक्ष्मदर्शीय युग्मकोद्भिद gametophytic बनाते हैं । युग्मकोद्भिद में उपस्थित जननांगों में नर व स्त्री युग्मक ( अगुणित ) बनते हैं जो संयोजित होकर द्विगुणित युग्मनज़ का निर्माण करते हैं । युग्मनज़ अंकुरित ( zygote germinates ) होकर बड़े माप का बीजाणुद्भिद ( sporophyte ) बनाता है ।
[ 4 ] अध्यगुणित जीवन - चक्र ( Heploid life cycle )
निमेलिओनेलीज गण के कुछ लाल शैवालों , जैसे निमेलियोन एवं बैट्रेकोस्पर्मम के जीवन - चक्र में दो मुक्त व सुविकसित अगुणित पीढ़ियों - युग्मकोद्भिद एवं कार्पोबीजाणुद्भिद का स्पष्ट एकान्तरण होता है । दो अगुणित प्रवस्थाओं के अध्यगुणित जीवन चक्र द्विप्रवस्थामय ( Diphase ) भी कारण कहलाता है । निमेलियोन व बैट्रेकोस्पर्मम युग्मकोद्भिदी होता है । इसमें स्त्री ( कार्पोगोनियम ) तथा नर का थैलस अगुणित ( अचलपुमणुधानी ) जननांगों का विकास होता है जिनमें क्रमशः स्त्री ( अण्ड ) व नर ( पुमणु ) युग्मक बनते हैं । युग्मकों के संयोजन से द्विगुणित युग्मनज का निर्माण होता है । युग्मनज़ का केन्द्रक अर्धसूत्री विभाजन द्वारा चार अगुणित केन्द्रक बनाता है । इसी समय स्त्री जननांग ( कार्पोगोनियम ) के आधारीय भाग से गोनिमोब्लास्ट तन्तु उद्वर्ष में एक अगुणित केन्द्रक प्रवेश करता है । इस प्रकार गोनिमोब्लास्ट तन्तु भी अगुणित होते हैं । इस कोशिका का जीवद्रव्यक कायान्तरित होकर एक अगुणित कार्पोबीजाणु बनाता है । अब कार्पोगोनियम के आधारीय भाग से कुछ बध्य तन्तु विकसित होते हैं कार्पोबीजाणुधानी एवं में जो कापोबीजाणुओं के गोनिमोब्लास्ट तन्तु चारों ओर एक आवरण बनाते है । यह अगुणित संरचना कार्पोबीजाणुद्भिद कहलाती है । कार्पोबीजाणुद्भिद युग्मकोद्भिद पर आश्रित होता है । कार्पोबीजाणु अंकुरित होकर एक विषमतंतुकी थैलस बनाते हैं जिसे केन्ट्रेशिया प्रवस्था कहते हैं । इसके उदग्र तन्तु नया युग्मकोद्भिद बनाते हैं ।
[ 5 ] द्विगुणित जीवन चक्र
द्विगुणित त्रिफसिक जीवन चक्र में दो द्विगुणित चरण होते हैं ( कार्पोस्पोरोफाइट और टेट्रास्पोरोफाइट ) जो अगुणित गैमेटोफाइटिक चरण के साथ बारी-बारी से होते हैं।
इस प्रकार के जीवन-चक्र का उदाहरण पोलीसिफोनिया (रोडोफाइसी) द्वारा दिया गया है। यहाँ अगुणित प्रावस्था को नर और मादा युग्मकोद्भिद पौधों, लैंगिक अंगों और युग्मकों द्वारा दर्शाया जाता है। नर और मादा युग्मक मिलकर द्विगुणित युग्मनज बनाते हैं। युग्मनज गोनिमोबलास्ट का उत्पादन करता है जो एक अतिरिक्त द्विगुणित चरण (कार्पोस्पोरोफाइट) का प्रतिनिधित्व करता है।
कार्पोस्पोरोफाइट में द्विगुणित कार्पोस्पोर बनते हैं। मुक्त होने पर, कार्पोस्पोर एक द्विगुणित टेट्रास्पोरोफाइटिक पौधे का उत्पादन करने के लिए अंकुरित होता है। टेट्रास्पोरोफाइटिक पौधा द्विगुणित टेट्रास्पोरंगिया पैदा करता है। चार अगुणित टेट्रास्पोर्स एक टेट्रास्पोरैंगियम में कमी विभाजन द्वारा बनते हैं। टेट्रास्पोरस अगुणित गैमेटोफाइटिक पौधों को जन्म देते हैं। इस प्रकार शैवाल का जीवन चक्र ( Life cycle of Algae ) पूरा होता है।